Neuralink Implants Brain Chip
Neuralink Brain Chip: ब्रेन यानी इंसानी दिमाग में लगी एक चिप जिसकी मदद से हर उस काम को अंजाम दिया जा सकता है जिसके लिए हमारा शरीर सक्षम नहीं है ऐसा ही य करिश्मा कर दिखाया है इलन मस्क की कंपनी न्यूरा लिंक ने
- आज हम समझेंगे न्यूरलिंक क्या है
- ब्रेन में चिप लगाकर न्यूरलिंक क्या हासिल करना चाहती है
- अगर यह प्रयोग सफल होता है तो दुनिया पर इसका क्या असर पड़ेगा
- और न्यूरोलिंक के अलावा और कौन ऐसी चिप बना रहा है
इलन मस्क हमेशा चर्चा में रहने वाले बिजनेसमैन स्पेस एक और टेस्ला के मालिक स्टार लिंक इंटरनेट भी इ की कंपनी है इलन मस्क ने एक स्टार्टअप के तौर पे बनाई थी न्यूरलिंक औरइसे बनाई गई थी 2016 में अगर न्यूरल लिंक का सही उपयोग किया जाए तो दुनिया बदल जाएगी तो क्या किया है मस्कल न्यूरोलिंक ने
साल 2016 इलन मस्क ने सात वैज्ञानिकों की एक टीम के साथ न्यूरलिंक को शुरू किया इसका मकसद था ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस यानी बीसीआई बनाना तो ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस जिसे ब्रेन मशीन इंटरफेस भी कहा जाता है एक ऐसी डिवाइस है जो दिमाग में हो रही इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को किसी बाहरी कंप्यूटर या रोबोटिक हाथ से जोर देती है
इलन मस्क की कंपनी एक ऐसी चिप बनाने में लगी थी जिससे लकवा ग्रस्त या शारीरिक रूप से दिव्यांग लोग भी आसानी से अपने रोज मरा के काम कर सकेंगे इस डिवाइस या चिप को न्यूरलिंक ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस भी कहा जाता है पर इसकी कहानी 2016 से नहीं बल्कि 1970 के दशक से शुरू होती है यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजलिस में जकस विडाल ने नेशनल साइंस फाउंडेशन से ग्रांट लेकर इसकी शुरुआत की थी
1973 में प्रकाशित जैकेस विडाल का पेपर साइंटिफिक लिटरेचर की दुनिया में ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेज की पहली तस्दीक करता है साफ-साफ कहें तो मस्की कंपनी इंसानी दिमाग को समझने Understanding the Brain Interfacing the Brain and Engineering with the Brain के सिद्धांत पर काम कर रही है साल 2023 में जानवरों पर सफल ट्रायल के बाद न्यूरलिंक ने इसके ह्यूमन ट्रायल यानी इंसानों पर ट्रायल के लिए मंजूरी मांगी थी मई 2023 में अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी कि एफडीएन न्यूरलिंक को ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी दे दी
कंपनी को फिलहाल 10 लोगों के दिमाग में चिप लगाने का क्लीयरेंस मिला है इस चिप को मस्कर उनकी कंपनी ने नाम दिया है टेलीपैथी तो जब हमारे शरीर का कोई अंग काम करने लायक नहीं बचता तो उसका ट्रांसप्लांट किया जाता है उसी तर्ज पर य एक तरीके का ट्रांसप्लांट ही है
Neuralink Brain Chip जब किसी इंसान पर इस्तेमाल की
Neuralink Brain Chip जब किसी इंसान पर इस्तेमाल की गई तो क्या हुआ क्या है इस चिप में न्यूरलिंक चिप सिक्के की आकार की है इसका इस्तेमाल मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम के डिसऑर्डर्स का सामना कर रहे लोगों के लिए किया जा सकेगा इसे सर्जरी करके इंसान के दिमाग में डाला जाता है चिप में ढेर सारे छोटे-छोटे तार होंगे एक तार इंसान के बाल के मुकाबले 20 गुना पतला होगा
इन तारों में 1024 इलेक्ट्रोड्स होंगे जो दिमाग की हर हरकत पर नजर रखेंगे और दिमाग की फिजियोलॉजिकल और नर्वस गतिविधियों को उत्तेजित करेंगे एक काम ये भी हुआ जो डेटा चिप में इकट्टा होगा उसे कंप्यूटर में डाला जाएगा इस डाटा का इस्तेमाल भविष्य में होने वाली रिसर्च में किया जाएगा कंपनी का दावा है आप क्या सोच रहे हैं चिप यह पढ़ सकती है यानी माइंड रीडिंग स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे बेसिक डिवाइसेसपोर्ट का ट्रायल हो रहा था तब पहली को जानवरों पर इसका ट्रायल किया गया
न्यूरोलिंक ने अपने youtube पे वीडियो भी पोस्ट किया थाजिसमें देखा गया जॉयस्टिक से वीडियो गेम खेलता दिख रहा है पर इसी कारण कंपनी को एक जांच का भी सामना करना पड़ा न्यूरोलिंक पर आरोप लगते हैं उसने 2018 से अब तक अपने ब्रेन चिप के ट्रायल के लिए 1500 से अधिक जानवरों की जान ले ली
Neuralink Brain Chip human trial
Neuralink Brain Chip ह्यूमन ट्रायल को मंजूरी मिल गई थी तो ये ट्रायल शुरू भी हुआ आप न्यूरोलिंक की वेबसाइट पर जाएं तो आपको ट्रायल के लिए रजिस्ट्रेशन करने का ऑप्शन दिखाई देगा हालांकि शर्त यह है कि इसके लिए वॉलेटर की उम्र 22 साल से कम नहीं होनी चाहिए तो पहला इंप्लांट हो चुका है ये इंप्लांट एक न्यूरो डिसऑर्डर से पीड़ित मरीज पर किया गया है न्यूरोलिन के मुताबिक इंप्लांट सफल रहा मरीज तेजी से ठीक ठीक भी हो रहा है
इलन मस्क ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि शुरुआती नतीजों को देखकर उत्साह बढ़ा है इससे मानव शरीर में न्यूरॉन स्पाइक का पता चलने की उम्मीद और बढ़ी है दरअसल न्यूरॉन स्पाइक वो सिग्नल होता है जिससे न्यूरॉन आपस में संपर्क साधते हैं कंपनी का कहना है कि उसका मकसद न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर लोगों की जिंदगी को आसान बनाना है
न्यूरोलिंक के कंपटीशन में और कौन-कौन सी कंपनियां है इस मार्केट में Synchron Parado Mix Black Rock Neurotech and Bios जैसी कंपनियां हैं बायोस ऐसी कंपनी जो न्यूरल डिसऑर्डर्स के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर रही है
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